कोलकाता – कोलकाता में हुए हालिया कांड के सिलसिले में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के तहत की गई है।
पुलिस और सीबीआई की जांच
15 दिनों की पूछताछ के बाद, सीबीआई ने घोष को कोलकाता के साल्ट लेक स्थित अपने कार्यालय में बुलाया और फिर निजाम पैलेस स्थित एंटी करप्शन विंग में ले जाकर उन्हें गिरफ्तार किया। इस मामले में अन्य आरोपियों में बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा और अफसर अली खान शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप
संदीप घोष के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने अपने प्रिंसिपल के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कई वित्तीय अनियमितताएँ कीं। इनमें लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार और निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद शामिल हैं। इन आरोपों की जांच पहले कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला सीबीआई को सौंपा गया।
कानूनी धाराएँ और संभावित सजाएँ
- आईपीसी की धारा 120बी: साजिश रचने के लिए, उम्रकैद या 2 साल से अधिक समय तक के कठोर कारावास की सजा हो सकती है।
- आईपीसी की धारा 420: धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति अर्जित करने के लिए, सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7: सरकारी अधिकारियों द्वारा अवैध धन अर्जित करने पर, 6 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
पूछताछ और परीक्षण
सीबीआई ने संदीप घोष से 150 घंटे से अधिक पूछताछ की और दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया। उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए कई टीमों ने अस्पताल और उनके निवास पर छापे मारे हैं।
डॉ. अख्तर अली, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक, ने घोष पर आरोप लगाया कि उन्होंने छात्रों को जानबूझकर फेल किया और फिर पैसे लेकर उन्हें पास कराया। इसके अलावा, संजय रॉय, जो घोष के सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर चुके थे, इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में उभरे हैं।
संदीप घोष की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई का कहना है कि यह मामले की गंभीरता को देखते हुए की गई है। संदीप घोष और अन्य आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है। इस मामले में उच्च न्यायालय की अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।